Tuesday, February 26, 2013

गवाही दुश्मनों की कह रही है सुलहनामें में
नकाबों में चेहरों का अंदाजा नहीं होता

पिछले राज्योत्सव में विडियोकान चर्चा में था इस बार राज्योत्सव तो बिना किसी चर्चा के निपट गया पर आईपीएल मैच और एक बड़ी औद्योगिक कंपनी की चर्चा शुरू हो गई है। पिछलो राज्योत्सव में विडियोकान की तरफ से फिल्म अभिनेता सलमान खान मंच पर आये थे और प्रदेश के मुखिया और संवैधानिक मुखिया को लाइन लगवाकर उनसा स्वागत करा दिया गया था इसको लेकर काफी किरकिरी भी हुई थी इस बार राज्योत्सव में किरकिरी नहीं हुई पर आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) राजधानी में प्रस्तावित है और तिल्दा के पास जीएम आर पावर इस आयोजन में रूचि ले रहा है। हाल ही में इस पावर के जी.एम. राव रायपुर आए थे। उन्होंने परसदा के पास के स्टेडियम का अवलोकन किया और आईपीएल की तैयारियों का भी जायजा लिया। बड़ी बात यह है प्रचार में लगी जीएम आर पावर कम्पनी ने भी इस बात को तो गुप्त रखा और खेल विभाग सहित सरकार ने भी।
वैसे छत्तीसगढ़ की राजधानी में यदि आईपीएल अच्छे से निपट गया तो छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई के 31 वें सदस्य के रूप में मान्यता मिलना लगभग तय है, रणजी से मान्यता भी मिल जाएगी और अंतर्राष्ट्रीय मैच का रास्ता भी खुल जाएगा।
इधर आईपीएल कराने खेल विभाग की टीम नागपुर से दिल्ली तक की खाक छान रही है। उन्हें शायद भिलाई रेंज के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा नहीं दिख रहे हैं। जो राज्य में पूर्व में खेल आयुक्त रह चुके हैं, कामन वैल्थ जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में भी वे सुरक्षा प्रभारी थे तथा खेल आयोजन को काफी निकट से देखा है। खैर खेल संचालनालय से अब पुलिस का रोल समाप्त हो गया है। तभी तो राजकुमार देवांगन को हटाकर जितेन्द्र शुक्ला को प्रभारी बनाया गया है।
मेट्रो रेल और दिक्कत
छत्तीसगढ़ में मेट्रो रेल के लिये राजधानी रायपुर से राजनांदगांव तक रेल लाईन का सर्वे शुरू हो चुका है। इस बार भी बजट में एक करोड़ की राशि आरक्षित की गई है। सूत्र बताते हैं कि सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मेट्रो चलेगी अथवा नहीं।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) तीन माह से रायपुर, दुर्ग तथा राजनांदगांव जिलों का सर्वे कर रही है। सूत्र कहते हैं कि प्रारंभिक सर्वे में भूमिगत रेल लाईन की जगह पिलर खड़ा करके मेट्रो रेल दौड़ाने की अधिक संभावनाएं है। रायपुर, भिलाई, दुर्ग तथा राजनांदगांव में यातायात का दबाव बहुत है साथ ही साथ घनी आबादी भी है ऐसे में रेल लाईन बिछाने में दिक्कत आ सकती है वहीं लागत भी बहुत बढ़ सकती है।
रायपुर में तेलीबांधा के पास से आमापारा होकर नेहरूनगर भिलाई और वहां से अंजोरा होकर राजनांदगांव तक मेट्रो चलाने की योजना है। प्रारंभिक चरण में रायपुर से दुर्ग तक ही मेट्रो रेल चलाने को लेकर सर्वे शुरू हो गया है। सूत्र कहते हैं कि राजधानी से राजनांदगांव तक 92 किलोमीटर में मेट्रो चलाने की योजना है और इसके लिये 150 से अधिक मेट्रो स्टेशन भी बनाना प्रस्तावित है।
सूत्र बताते हैं कि घनी आबादी के चलते भूमिगत रेल लाईन या स्टेशन कम स्थान पर रहेगा और डिवाइडर के ऊपर पिलर खडा करके रेल दौड़ाने को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। बहरहाल सर्वे रिपोर्ट के बाद ही मेट्रो चलेगी या नहीं इसका फैसला हो सकेगा।
पुलिस अफसरों की कमी!
छत्तीसगढ़ में आईपीएस के 103 स्वीकृत पदों के खिलाफ 73 अफसर ही तैनात है इसके बाद भी अगले माह कुछ बड़े अफसर सेवानिृत्त हो जाएंगे ऐसे भी नक्सली प्रभावित छत्तीसगढ़ में आईपीएस अफसरो का टोटा हो जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद स्वागत दास, रवि सिन्हा तो केन्द्र से आए ही नहीं वहीं विनोद सिंह, प्रदीप गुप्ता, जयदीप कुमार, विवेकानंद , अमरेश कुमार, अमित कुमार, नेहा चंपावत मिगोई डेपूटेशन पर केन्द्र चले गये हैं। हाल ही में एडीजी एम. डब्लु अंसारी भी डेपूटेशन पर चले गये हैं।
होमगार्ड महानिदेशक संत कुमार पासवान, पुलिस महानिदेशक सरगुजा रेज भरत सिंह अप्रेल में सेवानिवृत्त हो जाएगे वहीं कांकेर के डीआईजी जयंत थोराट की भी सेवानिवृत्ति इसी साल हो जाएगी। हालत यह है कि डीजीपी रामनिवास के चुनाव बाद सेवा निवृत्त होने के बाद प्रदेश में डीजी स्तर के एक ही अधिकारी गिराधारी नायक बचेंगे यानि प्रदेश को 10 माह केवल एक ही डीजी से काम चलाना पडेेगा।
वैसे पुलिस के बड़े अफसर संजय पिल्ले, डीएम अवस्थी, आर.सी. पटेल, राजकुमार देवांगन, जुटी राजधानी में तो है पर प्रतिनियुक्ति में दूसरे विभागों में है। कुल मिलाकर पुलिस अफसरों की कमी से सरकार को जूझना पड़ेगा यह तय है।
मैं चुनाव नहीं लडूंगी!
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की पत्नी श्रीमती वीणा सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि वे कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। धमतरी में छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंची श्रीमती वीणा सिंह ने पत्रकारों की जिज्ञासा शांत करते हुये घोषणा की कि वे चुनाव नहीं लड़ेगी उनसे जब विश्राम भवन में पत्रकारों ने पूछा कि प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव मे यदि पार्टी हाईकमान आपको चुनाव लड़ने कहेगा तो क्या आप चुनाव लडेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे साहब (डा. रमन सिंह) वैसे भी प्रदेश भाजपा की बागडोर सम्हाले हुए है मेरे चुनाव लड़ने का सवाल नहीं उठता है। ज्ञात रहे कि डा. रमन सिंह के अलावा आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी वीणा सिंह और पुत्र अभिषेक सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में जमकर हो रही थी। वीणा सिंह ने तो स्पष्ट कर दिया कि वे चुनाव नहीं लडेंगी पर अभिषेक सिंह ने अभी चुनाव लड़ने पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी और उनकी पत्नी डा. रेणु जोगी विधायक है और अब आगामी विधानसभा चुनाव उनेके पुत्र अमित जोगी के भी लड़ने की पूरी संभावना है। सूत्र कहते हैं कि दो लोग विधानसभा चुनाव लडेंगे तो एक लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कौन लोस चुनाव लड़ेगा इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। वैसे सूत्र कहते हैं कि अमित जोगी विधानसभा चुनाव लडेंगे और वह भी किसी सामान्य विधानसभा क्षेत्र से...।
1
और अब बस...
नीतिन गडकरी के भाजपा अध्यक्ष पद से हटने के बाद एक आईएएस अफसर की अब पकड़ कमजोर हो गई है।
2
केन्द्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव का ब्रीफकेस गायब हो गया... कांग्रेसी नेता कह सकते है कि प्रदेश में अज अध्यक्ष सुरक्षित नहीं तो इस समाज के लोग....!
3
छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री को आगामी चुनाव में हार जाने के लिये अभी से शर्ते लग रही है... एक टिप्पणी टिकट भी तो कट सकती है...!

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