Tuesday, January 22, 2013

बदलते वक्त में ये कैसा दौर आया है
हमीं से दूर हो रहा हमारा साया है
आज हम उनकी जुबां पर लगा रहे हैं बंदिश
जिन बुजुर्गों ने हमें बोलना सिखाया है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी है। राज्य में लगातार दो बार सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी सक्रिय है तो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी सक्रिय होने की तैयारी में है। छत्तीसगढ़ का संबंध रामायण तथा महाभारत युग से रहा है। भगवान श्रीराम माता सीता तथा लक्ष्मण ने अपने 12 साल के वनवास का कुछ हिस्सा छत्तीसगढ़ में भी गुजारा है, अभी भी सरगुजा में सीता बोगरा आदि स्थान है तो शिवरीनारायण तीर्थ भी है जहां भगवान श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर प्रेम पूर्वक खाये थे। माता कौशलया का तो यहां जन्म स्थान रहा है तो लव-कुश ने यहां अपना बचपन बिताया, वाल्मिकी आश्रम में शिक्षा पाई तो यहां राज भी किया। तुरतुरिया में आज भी लवकुश की प्रतिमा स्थापित है। इधर महाभारत काल का भी संबंध छत्तीसगढ़ से जोड़ा जाता है। महाभारतकाल के पांडू पुत्र सहदेव ने कुछ भागों को जीता था तो कर्ण ने यहां विजया पताका लहराई थी, छत्तीसगढ़ में रामलीला आज भी जारी है तो पंडवानी के रूप में महाभारत के पांडवों की गौरवगाथा आज भी अनवरत जारी है। श्रीराम ने माता कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया। भगवान श्रीराम जैसे मर्यादा पुरूषोत्तम अवतार ले सकें। इसके लिये आयोजित यज्ञ का पुरोहिती महान ऋषि श्रंगी ने किया था। श्रंगी ऋषि का आश्रम सिहावा पर्वत पर महानदी का उदगम स्थल पर आज भी स्थापित हैं।
महाभारत और वर्तमान!
महाभारत का छत्तीसगढ़ से पुराना संबंध रहा है और हाल ही में वर्तमान संबंधों में महाभारत के पात्रों का उल्लेख करके अजीत जोगी ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है। हाल ही में विधानसभा और लोकसभा स्तर पर युवक कांग्रेस के अध्यक्षों का चुनाव हुआ और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में अमित-अजीत जोगी समर्थक उत्तम वासुदेव मतगणना के बाद पुन: अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वैसे भी अधिकांश लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में जोगी समर्थक युवक कांग्रेसी निर्वाचित घोषित हुए हैं चर्चा तो यह है कि संगठन के एक बहुत बड़े नेता की विधानसभा में उनका समर्थक पराजित हो गया है।
जोगी पुत्र युवा नेता अमित जोगी के दौरे के को लेकर पहले कांग्रेस के बुजुर्ग नेता विद्याचरण शुक्ल, केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे आपत्ति और शिकायत कर चुके हैं। बहरहाल युकां के चुनाव में जोगी समर्थक को सफलता मिलने के बाद उत्साहित अजीत जोगी को महाभारत काल का स्मरण आ गया। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे अमित जोगी को लोगों ने अभिमन्यु समझा था पर वह अर्जुन निकला और चक्रव्यूह को भेदने में सफल रहा। भीष्म पितामह, दुर्याधन सहित कौरवों का सफाया हो गया। यह ठीक है कि चुनाव में सब जायज होता है। युकां में जो गुट पराजित हो गया वह कौरव था। खैर भीष्म पितामह किस कांग्रेसी नेता के लिये जोगी ने संकेत दिया है यह तो सभी समझ सकते हैं पर दुर्योधन किस नेता को लेकर कहा होगा यह समझना आसान नहीं है। क्योंकि अजीत जोगी का यह संकेत 3-4 नेताओं के लिये हो सकता है। सवाल यह उठ सकता है कि अगला विधानसभा चुनाव किसके बीच होना है कांग्रेस-कांग्रेस के बीच या कांग्रेस-भाजपा के बीच। वैसे अजीत जोगी ने अपने पुत्र अमित जोगी को अर्जुन कहा है। महाभारत में युद्घ के मैदान में अर्जुन को शिक्षा श्रीकृष्ण ने दी थी। जाहिर है कि राजनीतिक महाभारत की शिक्षा अमित को अजीत जोगी ने ही दी है और दे भी रहे।
डा. रमन का ब्रम्हास्त्र!
भारतीय जनता पार्टी ने तो एक तरह से श्रीराम का कापीराईट कर लिया है। किसी भी राजनीतिक आंदोलन हो मेल मिलाप हो या त्यौहार हो भाजपा के लोग एक दूसरे से मिलने पर जय श्रीराम का भी प्रयोग करते हैं। राजनीतिक आंदोलनों में तो देशभक्ती गीत बजते है या श्रीराम के भजन ही बजाये जाते हैं भाजपा नेताओं सहित कार्यकर्ताओं को मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम मय होने की शिक्षा दी जाती है। बहरहाल अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने के नाम पर केन्द्र में सरकार बनाने वाली भाजपा को हर विधानसभा या लोकसभा चुनाव में श्रीराम के मंदिर की याद आती है। छत्तीसगढ़ तो माता कौशल्या का निवास रहा है।
श्रीराम ने वनवास का बड़ा समय यहां गुजारा है और भाजपा के कुछ नेता श्रीराम गमन मार्ग की तलाश भी कर चुके हैं। लव-कुश की जन्म स्थली, श्रीराम द्वारा राजसू यज्ञ में भेजा गया घोड़ा यहीं लव-कुश ने रोक लिया था ऐसे प्रसंगों को आज भी ताजा करने का प्रयास किया जाता है। लगातार 9 साल की सरकार चलाने वाले डा. रमन सिंह का तो नाम ही राम से संबंधित है वे भी अब महाभारत-रामायण काल की याद ताजा करने लगे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि समय आने दीजिये मैं अपना ब्रम्हास्त्र चलाऊंगा? उनसे जब पूछा गया कि कब चलाएंगे ब्रम्हस्त्र। तो उन्होंने कहा कि समय तो आने दीजिये। वैसे कांग्रेसी परेशान है। इसके पहले 1-2 रूपये किलो चावल गरीबों को देने संबंधी उन्होंने ब्रम्हास्त्र चलाया था और कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई थी। हाल ही में उन्होंने खाद्य सुरक्षा बिल विधानसभा में पारित कराकर एक ब्रम्हास्त्र का प्रयोग किया है अगला ब्रम्हास्त्र क्या होगा इसका इंतजार हैं।
बलात्कार और छग!
छत्तीसगढ़ कई मामलों में अग्रणी है। बलात्कार के मामले में भिलाई-दुर्ग का औसत तो भारत के कई महानगरों में काफी अधिक है। नेशनल क्राईम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार बलात्कार के मामले में 1317 का आंकड़ा लेकर उत्तर प्रदेश सबसे आगे है तो दिल्ली 1087, महाराष्ट्र 556, बिहार 410, सिक्किम 375 के बाद छत्तीसगढ़ 230 लेकर पांचवे स्थान पर है। सूत्र कहते है कि हत्या के मामले में भी छत्तीसगढ़ 5 वे स्थान पर है। बलात्कार हो रहे हैं पुलिस कुछ नहीं कर रही है यह सवाल उठाया जा रहा है। एक बार अविभाजित मप्र के समय तत्कालीन डीजीपी से एक मीडिया कर्मी ने कुछ ऐसा ही सवाल किया था और चतुर सुजान पुलिस अफसर ने उसी मीडिया कर्मी से पूछ लिया था कि यदि कोई हत्या, करने जाता है तो उसके पास पिस्तौल, बंदुक, चाकू आदि जप्त कर अपराध को रोका जा सकता है कोई चोरी डकैती करने जाता है तो पहले तलाशी में हथौड़ी, हथियार, चाबी आदि जप्त कर उसे रोका जा सकता है पर कोई बलात्कार करने जा रहा है इसका पता पहले कैसे चल सकता है। खैर कभी रायपुर के एक पुलिस अफसर ने अपने मातहतों को निर्देश दिया था कि ठंड और बरसात के समय शराब खानों और धंधा करने वालों को परेशान नहीं किया जाए क्योंकि वहां कड़ाई बरती जाएगी तो आवारा किस्म के लोग फिर सभ्य समाज की ओर रूख करेंगे और बलात्कार छेड़छाड़ की घटनाओं में इजाफा होगा। बहरहाल राजधानी रायपुर में भी छेड़छाड़ की घटनाओं में वृद्धि हो रही है कुछ निजी कालेज के छात्र तो कालेज की बसों में ही नशे की हालत में सफर करते है, उसी हालत में कालेज भी पहुंचते है पर प्रबंधन भी कोई कार्यवाही नहीं करता है। केवल समयबद्ध अभियान चलाकर पुलिस कुछ ठोस नहीं कर सकती है इसके लिये छात्र-छात्राओं, पालकों को सर्तक होना होगा। यही नहीं समाज को भी छेड़छाड़ का खुलकर विरोध करना होगा। समाज की गंदगी और गंदी मानसिकता की सफाई का काम केवल पुलिस का ही नहीं हम सभी का है।
और अब बस
0 मंत्रिमंडल में अब विस्तार या फेरबदल नहीं होगा यदि हुआ भी तो गृहमंत्री ननकी भईया ही रहेंगे।
0 पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने रेंज पुलिस महानिरक्षकों की पदस्थापना के बाद अब पुलिस अधीक्षकों को बदलने की तैयारी में है। करीब आधा दर्जन पुलिस कप्तानों का बदलना तय माना जा रहा है।
0 सतनामी समाज ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है...एक टिप्पणी भाजपा के पक्ष में ये लोग मतदान तो पहले भी नहीं करते थे।

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